एमपी में मोदी की गारंटी को ही चुनाव प्रचार का मंत्र बनाएगी भाजपा, राहुल के जातिगत जनगणना पर कांग्रेस नेताओं को ही है संशय

एमपी में मोदी की गारंटी को ही चुनाव प्रचार का मंत्र बनाएगी भाजपा, राहुल के जातिगत जनगणना पर कांग्रेस नेताओं को ही है संशय

स्टोरी हाइलाइट्स

इस बार मिशन 29 के लक्ष्य को लेकर चुनावी रण में उतरी भाजपा अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को ही चुनाव प्रचार का मंत्र बनाएगी। वहीं देशभर में जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठा रही कांग्रेस प्रदेश में इस मुद्दे को उतना फोकस नहीं करेगी। इसके बजाए वह महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जनता से वोट मांगेगी।

 भोपाल। इस बार मिशन 29 के लक्ष्य को लेकर चुनावी रण में उतरी भाजपा अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी को ही चुनाव प्रचार का मंत्र बनाएगी। वहीं देशभर में जातिगत जनगणना का मुद्दा जोर-शोर से उठा रही कांग्रेस प्रदेश में इस मुद्दे को उतना फोकस नहीं करेगी। इसके बजाए वह महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर जनता से वोट मांगेगी। भाजपा में चुनावी कैंपेन को लेकर बैठकों का दौर जारी है, तो कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के दौरे भी शुरू हो चुके हैं।

 

प्रदेश की 26 सीटों पर चुनावी तस्वीर अब पूरी तरह साफ हो चुकी है। भाजपा ने अपनी सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं तो कांग्रेस ने भी मुरैना, ग्वालियर और खंडवा छोड़कर 25 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस समझौते के तहत ली गई खजराहो सीट पर भी अपना प्रत्याशी शनिवार को उतार दिया है। भाजपा के ऊपर पिछले चुनाव को दोहराने की चुनौती है तो वहीं कांग्रेस कमबैक चाहती है। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में चली नरेन्द्र मोदी की सुनामी में कांग्रेस को महज एक सीट पर संतोष करना पड़ा था। इस बार भी भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम को लेकर ही चुनाव मैदान में उतरी है। उसका चुनावी नारा ‘मोदी की गारंटी’ ही होगा। विधानसभा के चुनावों में भी भाजपा इसी नारे के साथ मैदान में थी और उसे मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत छत्तीसगढ़ में बेहतर सफलता मिली थी। 

 

वहीं कांग्रेस बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर जनता के बीच जाएगी। पार्टी के नेता राहुल गांधी हालांकि अपनी हर सियासी सभा में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठा रहे हैं पर प्रदेश में यह मुद्दा कितना प्रभावी होगा, इसे लेकर कांग्रेस नेताओं को ही संशय है। विधानसभा में भी राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया था पर प्रदेश में यह प्रभावी नहीं था।

 

इन मुद्दों पर रहेगा भाजपा का फोकस

मोदी की गारंटी : प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी एक बार फिर भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा हैं। किसी भी काम को लेकर जनता के मन का विश्वास जीतने के लिए भाजपा इस स्लोगन का प्रयोग करेगी ‘ये मोदी की गारंटी है।’ यह बात भाजपा घर-घर तक पहुंचाएगी। इसके साथ ही धारा 370 हटाने का मामला हो या हर घर जल पहुंचाने की बात। इन्हें मोदी की गारंटी में शामिल किया जाएगा।

 

अयोध्या में राम मंदिर : राम मंदिर के नाम पर भाजपा चार दशक से चुनाव लड़ती रही है। अब अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन चुका है। 22 जनवरी को प्रभुश्रीराम के दर्शन भी शुरू हो गए हैं। मंदिर निर्माण में पार्टी के योगदान को भी वह फिर से घर-घर पहुंचाएगी।

 

महिलाओं से जुड़ी योजनाएं : उज्जवला योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना समेत महिलाओं से जुड़ी अन्य योजनाओं को भी चुनाव प्रचार के दौरान घर-घर पहुंचाया जाएगा। किसानो से जुड़ी योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर उसका फोकस होगा ताकि चुनावी लाभ मिल सके।

 

देश का बढ़ता गौरव : इसके अलावा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की बढ़ती प्रतिष्ठा, चंद्रयान का सफल परीक्षण और विदेशों में भारत की बढ़ रही साख को भी वह मतदाताओं के बीच ले जाएगी।

 

ये रहेंगे कांग्रेस के मुद्दे

बेरोजगारी : कांग्रेस ने इस बार अपना कैंपेन युवाओं पर फोकस करते हुए बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाने का फैसला किया है। सरकार द्वारा हर साल बेरोजगारों को सरकारी नौकरी देने का मामला हो या फिर भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली। कांग्रेस लगातार बढ़ती बेरोजगारी को लेकर जनता के बीच जाएगी।

 

जातिगत जनगणना : कांग्रेस नेता अपनी हर सभा में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठा रहे हैं। वे जिसकी जितनी संख्या उसका उतना हक की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस का यह दांव प्रदेश में कितना चल पाएगा यह वक्त बताएगा।

 

महंगाई : पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को भी प्रमुख मुद्दा बनाएगी। इसका असर निम्न और मध्यम वर्ग पर ज्यादा पड़ता है लिहाजा वह महंगाई को किचन से जोड़कर इसे मतदाताओं के बीच ले जाएगी।

 

किसानों को एमएसपी समेत अन्य वादों के साथ वह जनता के बीच जाएगी।